Sunday, April 29, 2007

कुछ तस्‍वीरें कुछ बातें

मित्रो, पेश है मुंबई के जनजीवन की झलकियों पर केंद्रित श्रृंखला, जिसमें कुछ बातें होंगी और होंगी मोबाईल कैमेरे से खींचीं तस्‍वीरें । ये तस्‍वीरें डिजिटल-कैमेरे से भी खींची जा सकती थीं । लेकिन सीमित-संसाधनों में अच्‍छे नतीजे खोजने के इरादे से इन्‍हें डिजिटल कैमेरे से खींचा गया है । ये श्रृंखला आगे भी जारी रहेगी ।



बस मिलाकर हाथ अपनी उंगलियां गिन लीजिये
आपको इस शहर में रहने का फ़न आ जायेगा

( यूं बिकते हैं चाकू मुंबई के बाज़ार में )




चलो दूध के लिए लाईन लगाओ



समंदर के तरह बड़ा है दिल आज के लोगों का
पर समंदर का पानी तो प्‍यास बुझाता नहीं

(टैंकरों से पानी की सप्‍लाई)



बरसात में तालाब तो हो जाते हैं कमज़र्फ
बाहर कभी आपे से समंदर नहीं होता


मरीन ड्राईव शाम के धुंधलके में




हर आदमी एक उड़ता हुआ बगूला था
तेरे शहर में हम किससे गुफ्तगू करते ।





ये कौन शख्‍स है ये किस क़दर अकेला है
ये शख्‍स भीड़ में अकसर दिखाई देता है




तमाम जुल्‍मतों के बाद भी जिंदा हैं हम इस शहर में



घरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया मगर कोई आदमी ना मिला



हमने इसे भी चलाकर देखा है









अब sms के ज़रिए पाईये ताज़ा पोस्‍ट की जानकारी

6 टिप्‍पणियां:

Pramod Singh April 29, 2007 at 7:49 PM  

अच्‍छा है.. जमे रहो, बिरादर, मोर्चे पर..

शैलेश भारतवासी April 29, 2007 at 8:05 PM  

यूनुस भाई, सच में आप जब से आये हैं, ब्लॉग पर कुछ न कुछ नया मिल ही जा रहा है। लगता है धीरे-धीरे आप हम पाठकों को पूरा मुम्बई शहर घुमा देंगे। बढ़िया है सरकार, बढ़िया है।

Shrish April 29, 2007 at 9:47 PM  

जीवंत तस्वीरें यूनुस जी। इसी तरह मुंबई की सैर कराते रहिए।

नितिन बागला April 29, 2007 at 9:55 PM  

तस्वीरें तो अच्छी हैं ही, साथ के शेर बडे धांसू लगे...
लगे रहो यूनुस भाई.. :)

Anonymous,  April 30, 2007 at 5:41 PM  

Annapurna

Sitaron (Filmi) ke shaher ki asliyat dekhi Vaakai keechad main kamal khilate hai.

mechanical engineering May 1, 2007 at 2:12 AM  

Even though i m born and brought-up in Mumbai, i haden't still seen such a true view of it...really feel many things were unseen by me...Really greatful to u to show us such a different view of MUMBAI

u have done a wonderful job opening a blog for urself and Vividh Bahrti....i m a great fan of "YOUTH EXPRESS" Presented by u every sunday

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संगीत का ब्‍लॉग । मुख्‍य-रूप से हिंदी-संगीत । संगीत दिलों को जोड़ता है । संगीत की कोई सरहद नहीं होती ।

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