फिल्मी रामलीलाएं दूसरा भाग ।
कल मैंने आपको विजयादशमी के अवसर पर फिल्म 'स्वदेस' की रामलीला सुनवाई थी ।
और वादा किया था कि आपको दो और फिल्मी रामलीलाएं सुनवाऊंगा । तो लीजिए हाजिर हूं । ये रामलीला फिल्म 'अक्स' से है । दरअसल ये बहुत ही शरारती और मॉडर्न किस्म की रामलीला है । जिसमें बच्चे हनुमान को ईमेल भी करते हैं । कुल मिलाकर रामलीला का एक अलग ही रूप है । शायद आपको सुनकर आनंद आएगा ।
तो ये रही फिल्म 'अक्स' की रामलीला । गुलज़ार के बोल । मुख्य स्वर अमिताभ बच्चन का है ।
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हट जाओ रावण मारूंगी बाण
राम के पास है तीर-कमान ।
रावण के पास है ज्ञान ही ज्ञान
रावण है तुझसे बड़ा विद्वान ।
लंका में जा जा के डंका बजैयो
अरे जा अपने घर में तू शेखी दिखैयो ।
जानती नहीं तू, जानता नहीं तू रावण का दबदबा
खोल के रख देगा दुनिया का डब्बा ।
चुटकी में तुझको मसल देंगे राम
एड़ी के नीचे कुचल देंगे राम ।
बोलती बहुत है तू राम की बच्ची
अरण दिखा ले जाऊंगा सच्ची ।
फिर देखेंगे जब आयेगा हनुमान ।
रावण ऐ रावण बोल ना ज्यादा
हस्ती है क्या तेरी पैदल तू प्यादा
पूंछ में आग लगाके तेरी सोने की लंका जला दूंगी
अरे गी नहीं गा । गा ।
ओके सोने की लंका जला दूंगा ।
सीता को बंदी बनाया है तूने
राम को जाके बता दूंगा ।
अरे सागर कैसे पार करेगा
पानी में गिरके डूब मरेगा
लंका भारत पाट दिया है
फोन का तार भी काट दिया है ।
हनुमान भैया ई मेल कर दो
राम को मेरे जल्दी खबर दो
लंका का डंका बजता रहेगा
जब तक राम है रावण रहेगा
राम के रूप हजारों हैं रावण
रघुपति राघव पतित पावन ।।

दूसरी रामलीला है फिल्म 'अब दिल्ली दूर नहीं' से । ये काफी गंभीर किस्म की रामलीला है । यहां फिल्म 'अक्स' जैसी शरारत नहीं है । आवाज़ें आशा भोसले और साथियों की ।
मुझे निजी रूप से ये रामलीला भी बहुत पसंद है ।
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हमरे मनोरथ पूरे करना रघुपति राघव राजाराम
तुम चाहो तो पल भर में बन जायें अपने बिगड़े काम ।
रघुवर के गुण गावें रे हम रघुवर के गुण गावे रे ।
बोलो सियापति रामचंद्र की जय
सोने के हिरण के पीछे गये क्यों राम अभी तक आए नहीं ।
नारी का मन कोमल ठहरा सीता जी घबराए गयीं ।
श्रीराम की खोज खबर लेने जब पड़ा लक्ष्मण को जाना
कुटिया के चारों ओर एक घेरा सा खींचा अनजाना ।
नत माथ कहा फिर सीता से तुम इसके बाहर मत जाना
रघुवर के गुण गावें हम रघुवर के गुण गावें रे ।
अलख निरंजन ।
रावण चतुर खिलाड़ी आया बनके भिखारी
बोला भिक्षा दे दे माई, सीता जी को दया आई
जो था घर में लेके आई, कहा आगे आओ साई
रावण बोला बाहर आओ, साधु से काहे शरमाओ
सीता बहकावे में आईं, घेरा छोड़ा बाहर आईं
रावण ने उनको उठाया, जबरन कंधे पे बिठाया
लेकर चला समंदर पार, सीता रोवे जार जार
रोवे जंगल और पहाड़, सुनके उनका हाहाकार
रघुवर के गुण गावें रे हम रघुवर के गुण गावें रे ।
जो कोई हरे पराई सीता, उसका होके रहे फजीता
रावण की लंका पे चढ़ाई, खूब हुई घमसान लड़ाई
इधर राम लक्ष्मण हनुमान, उधर खड़ा रावण शैतान
मूरख राक्षस तू जिद मत कर, अब भी कहना मान मेरा
तेरे हठ ने ओ हठधर्मी तेरे मौत का है सामान किया
मेरे एक बाण के छूटते ही निकलेंगे तेरे प्राण अभी
तेरे दसों शीश अभी इस धरती पे लुढ़ेकेंगे गेंद समान अभी ।
रघुवर के गुण गावें रे हम रघुवर के गुण गावें रे ।
क्यों मुझे डराओ रामचंद्र परवाह नहीं मुझे जान की
मेरी जान में जब तक जान है मेरी ही रहेगी जानकी
होशियार खबरदार ।
रघुवर के गुण गावे रे हम रघुवर के गुण गावे रे ।
बोलो सियापति रामचंद्र की जै ।
तो ये थी कुछ फिल्मी रामलीलाएं ।
दशहरे की शुभकामनाएं ।
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4 टिप्पणियां:
धन्यवाद यूनुस भाई इतनी सुंदर प्रस्तुति के लिए . दोनों रामलीलाएँ एकदम दो विभिन्न ध्रुवों पर हैं.
आभार इस प्रस्तुति का.
kal se soch raha tha ki baki do geet kaun se honge bahut door ki kaudi laaye ho yunus bhai, pahli baar sune ye do geet
मुझे नरम गरम फ़िल्म की हास्य रामलीला याद आ रहीं है जिसे शत्रुघ्न सिन्हा के सामने प्रस्तुत किया जाता है।
रावण बने थे नीलू फूले जिनके सीता हरण करने पर शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारा था और कांपती हुई सीता दरवाजे पर बैठ गई थी।
जब होश आया तब शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा अरे ये नौटंकी है तभी मैं सोचू रावणवा मुझसे लड़ने क्यों नहीं आया।
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