दिलीप कुमार की कुछ यादगार अदाएं वीडियो पर--जन्मदिन पर विशेष
दिलीप कुमार हमारे समय के सबसे समर्थ अभिनेता हैं । इतने सौम्य सुदर्शन और ठसकदार अभिनेता अब तो होते ही नहीं । क़द काठी, व्यक्तित्व और मुस्कान । सब कुछ दिलीप कुमार को इफरात में मिला है । मैंने भोपाल में अपने बचपन के दिनों में ना जाने कितने लोगों को दिलीप कुमार बनते देखा है । जिसकी भी क़द काठी दिलीप कुमार जैसी होती वो खुली कमांडर जीप में शानदार कपड़े पहनकर खुद को दिलीप कुमार कहते घूमता था । बी.आर.चोपड़ा ने भोपाल के पास मंडीदीप में 'नया दौर' की शूटिंग क्या की, भोपाल को गर्व करने का एक और बहाना मिल गया । आज भी उस शूटिंग से जुड़े किस्से आपको उस ज़माने के लोग सुनाते मिल जाएंगे ।
बहरहाल आज दिलीप साहब का जिक्र करने की वजह है । आज दिलीप साहब पूरे 85 साल के हो गये हैं । मैं तो ये सोच के फूला फूला घूमता हूं कि यूसुफ साहब और मेरा sun-sign एक ही है । sagittarius..........कहते हैं कि हिंदी फिल्म संसार में सबसे ओरीजनल अभिनेता थे दिलीप कुमार । बाद में कई स्टारों ने उनकी नकल करके अपना कैरियर संवार लिया ।
दिलीप साहब केवल कलाकार नहीं, बल्कि एक चलता फिरता एन्साईक्लोपीडिया हैं । दुनिया में किसी भी मुद्दे और किसी भी विषय पर आप उनसे बातें कर सकते हैं । अपने किरदार में उतरने के लिए वो जो मेहनत करते थे, वो किसी से भी छिपी नहीं है । कोहीनूर की शूटिंग के लिए सितार सीख सीख के उन्होंने अपनी उंगलियां जख्मी कर ली थीं जबकि केवल उनकी उंगलियों पर फोकस किया जाना था । देवदास और यहूदी जैसी फिल्मों में ट्रैजिक रोल करने के बाद जब उन्हें डिप्रेशन सा होने लगा तो डॉक्टरों ने सख्त हिदायत दी कि आप कॉमेडी करें । उसके बाद दिलीप साहब का एक नया रूप सामने आया । इस रूप पर भी दुनिया कुरबान हो गयी ।
दिलीप साहब का भाषाओं पर कमाल का नियंत्रण है । हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, बांगला....... ना जाने कितनी भाषाएं दिलीप साहब एकदम फर्राटे से बोलते हैं । आपको लता मंगेशकर के पहले विदेशी कंसर्ट में दिलीप साहब का भाषण तो याद होगा ही, जिसमें उन्होंने कहा था--'लता मंगेशकर की आवाज कुदरत की तखलीक का एक करिश्मा है ।' तो आईये आज दिलीप साहब को बोलते हुए देखें ।
क्या कोई कह सकता है कि सगीना मेहतो के बंगाली संस्करण में फर्राटे से बंगाली बोल रहा ये बांका जवान मूलत: पश्तो पठान है । फलों के व्यापारी का बेटा ।
नया दौर फिल्म में दिलीप कुमार एक तांगे वाले बने थे । उनकी अदाएं अब रंगीन परदे पर । नया दौर का एक रंगीन ट्रेलर ।
यहां दिलीप कुमार जोश मलीहाबादी की एक नज्म पढ़ रहे हैं किसी मुशायरे में । अदा तो देखिए । मेरी तमन्ना है कि किसी दिन इस नज्म को कठिन शब्दों के अर्थ और इबारत समेत रेडियोवाणी पर पेश करूं ।
दिलीप साहब का ये अंदाज देखिए, फिल्म संघर्ष का ये मशहूर गीत और दिलीप साहब का थिरकना
यहां अमिताभ बच्चन का दिलीप कुमार से सामना हुआ है फिल्म शक्ति में । कहते हैं कि बच्चन साहब के लिए ये फिल्म अपने हाथ जला लेने जैसी बन गयी थी ।
दिलीप साहब को जन्मदिन मुबारक ।
सारे वीडियो यूट्यूब से साभार हैं । अगर आपका कनेक्शन सुस्त है तो आपको इन वीडियोज़ को देखने में दिक्कत हो सकती है ।
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6 टिप्पणियां:
सारे वीडियो यूट्यूब देखकर बहुत अच्छा लगा . अभिनेता दिलीप कुमार जी को जन्मदिन पर शुभकामना . समय समय पर आप पुराने फ़िल्म अभिनेताओ के वीडियो दिखाते रहे. आपका आभारी हूँ.
भई वाह. यही कह सकते हैं आपकी यह पोस्ट पढ़ कर. दिलीप साहेब को जन्म दिन पर हम सबकी बधाइयाँ. यही कह सकते हैं तुम जियो हजारों साल... दिलीप साहेब.
भई वाह. यही कह सकते हैं आपकी यह पोस्ट पढ़ कर. दिलीप साहेब को जन्म दिन पर हम सबकी बधाइयाँ. यही कह सकते हैं तुम जियो हजारों साल... दिलीप साहेब.
भई वाह. यही कह सकते हैं आपकी यह पोस्ट पढ़ कर. दिलीप साहेब को जन्म दिन पर हम सबकी बधाइयाँ. यही कह सकते हैं तुम जियो हजारों साल... दिलीप साहेब.
शुक्रिया इस प्रस्तुति का खासकर जोश वाली नज़्म के लिए! पर जैसा कि आपने कहा वीडियो के रुक रुक के आने से वो मज़ा नहीं आया।
आप की इस पोस्ट से ज्यादा खूबसूरत तोहफ़ा तो दिलीप साहब को मिल ही नहीं सकता था। उनकी बंगाली फ़िल्म मैंने यहीं देखी, बहुत बड़िया अदाकारी हैं और नज्म भी बहुत खूबसूरत है। धन्यवाद
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