फिर कहीं कोई फूल खिला-मन्नाडे का एक अनमोल गीत
कुछ गाने जिंदगी में बेहद महत्त्वपूर्ण बन जाते हैं । इसकी कोई वजह नहीं होती, मुझे ये कमाल की बात लगती है । जिंदगी में गानों का ये दखल ही उनकी ताक़त को बढ़ाता है । मैंने कई बार ये जिक्र किया है कि स्कूल के दिनों से ही मन्ना डे को सुनने का चस्का लग गया था । जो भी जेबखर्च मिलता वो कैसेट्स खरीदने में ही चला जाता । हमने खोज खोजकर मन्नाडे के गीत जमा किये । उन्हीं दिनों मैंने मन्नाडे के अनमोल नग्मों का एक कैसेट खरीदा था, जिसमें वो गीत थे जो बहुत ज्यादा नहीं सुने जाते । दुर्लभ किस्म के गीत । पता नहीं क्यों पिछले कुछ दिनों से इन गानों को सुनने के बेक़रारी बहुत बढ़ गयी थी । वो कैसेट मिल भी गया और सुन भी लिया अनगिनत बार । अब इनमें से कुछ गाने धीरे धीरे आप तक पहुंचाए जाएंगे ।
ये गीत सन 1971 में आई फिल्म्ा 'अनुभव' का है । वही अनुभव जिसे बासु भट्टाचार्य ने बनाया था और जिसमें संजीव कुमार और तनूजा थे । इस फिल्म में गीता राय के दो अनमोल गाने भी थे । मेरी जां मुझे जां ना कहो और कोई चुपके से आके । ये दोनों ही गीत रेडियोवाणी पर गीता दत्त वाली इस पोस्ट में सुने जा सकते हैं ।
बहरहाल हम जिस गीत की बात कर रहे हैं, कपिल कुमार ने इसे लिखा है और संगीत है कनु राय का । दिलचस्प बात है कि ना तो इस गाने का और ना ही इसके गीतकार संगीतकार का नाम ज्यादा मशहूर हो सका । कनु राय के तो कई गीत मिल जायेंगे । पर कपिल कुमार के बारे में तो मुझे खुद ही कुछ नहीं पता । पर इस गीत के बोल कमाल के हैं । मशहूर होना ही प्रतिभा का पैमाना नहीं होता । वक्त ने इस गाने को भले ही गुमनामी के खांचे में रख दिया हो पर मुझे ये गाना बहुत बहुत पसंद है । सितार और वायलिन का बढि़या इस्तेमाल है इस गाने में । मन्ना दा की आवाज यूं लगती है मानो समंदर किसी बूढ़े सूफी का भेस धरके हमें अपने अनुभव बता रहा हो । तो आईये आज इस फलसफाई गाने को सुनकर एक नये अनुभव से गुजरा जाये । अगर मुमकिन हुआ तो मन्ना दा के कुछ और कम चर्चित और अपने प्रिय गीत रेडियोवाणी पर आगे पेश किये जायेंगे ।
फिर कहीं कोई फूल खिला चाहत ना कहो उसको
फिर कहीं कोई दीप जला मंजिल ना कहो उसको ।।
मन का समंदर प्यासा रहा क्यों किसी से मांगे दुआ
लहरों का लगा जो मेला, तूफां ना कहो इसको ।।
देखें सब वो सपने, खुद ही सजाए जो हमने
दिल उनसे बहल जाए तो राहत ना कहो इसको।।
फिर कहीं कोई फूल खिला चाहत ना कहो इसको ।।
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3 टिप्पणियां:
पुराना और अच्छा गीत।
ये गीत पहले नहीं सुना है……बहुत पसंद आया …धन्यवाद ,यूनुस जी
क्या बात है..बेहद उम्दा चुनाव. मन बँध गया इस गीत से। बहुत शुक्रिया यूनुस इसे सुनवाने का !
बोल में एक आध जगह गीत के हिसाब से परिवर्त्तन कर लें
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