Wednesday, June 11, 2008

जल्‍द आ रहा है एक नया सुरीला-ब्‍लॉग 'श्रोता-बिरादरी'

ब्‍लॉगिंग की दुनिया में संगीत के कई ठिकाने हैं और हम संगीतप्रेमी उन सभी ठिकानों की परिक्रमा नियमित रूप से करते हैं । ये मानना ही पड़ेगा कि संगीत के ये ठिकाने उस कमी को पूरा कर रहे हैं जो व्‍यवसायिकता की बढ़ोतरी और रचनात्‍मकता की कमी की वजह से रेडियो-स्‍टेशनों पर हावी हो गयी है ।

ब्‍लॉगिंग पर हर संगीतप्रेमी अपने-अपने नज़रिए से गाने चढ़ा रहा है और सुरों की वर्षा कर रहा है । लेकिन अब हम लेकर आ रहे हैं एक संगठित और सुनियोजित प्रयास । ये एक ब्‍लॉग नहीं एक बिरादरी है । एक समूह है । एक संगठन है । एक रिश्‍ता है । सुरीला रिश्‍ता ।

नाम है श्रोता-बिरादरी ।

     Shrota Biradari -2

ये ब्लॉग लिखने वालों का नहीं सुनने वालों का है

ये है सुनने-सुनाने का सुरीला सिलसिला.

यहां आप गीत तो सुनेंगे लेकिन ये भी जानेंगे कि अमुक गाने में अनिल विश्वास ने कौन से वाद्य बजवाए हैं ।

यहां आप गीत तो सुनेंगे लेकिन ये जानते हुए कि वो किस राग पर आधारित है ।

यहां आप गीत तो सुनेंगे पर ये जानते हुए कि लताजी ने इसमें कहाँ मुरकियाँ ली हैं । और ये मुरकियाँ बला हैं क्या ।

यहां आप गीत तो सुनेंगे पर उसकी पूरी पृष्‍ठभूमि के साथ । जैसे अमुक गीत पंचम दा की पहली रचना है । या फलाना गीत सज्‍जाद हुसैन का आखिरी गाना है ।

मेरे मेहबूब न जा....ये गीत तो बड़ा ख़ूबसूरत है लेकिन बनाया इसे किसी फ़िल्मी संगीतकार ने नहीं एक ऐसे गायक ने जो क़व्वाली विधा का बड़ा नाम है...जानी बाबू क़व्वाल ।

श्रोता-बिरादरी में होंगे श्रोता-बिरादर । पुराने गानों के परम-शौक़ीन बिरादर ।

श्रोता-बिरादरी का मक़सद है गाने सुनने के संस्‍कार को गहरा करना । ये बताना कि आखि़र गाने सुनने किस तरह चाहिए ।

गाने सुनने का मतलब केवल 'सुन' लेना नहीं है । सुनना-बुनना-बुनना और दिल में उतार लेना ।

हम फिल्‍म-संगीत के गहरे सागर में डुबकी लगाएंगे और ऐसे-ऐसे गाने लेकर आएंगे जो ज्‍यादा सुनने को नहीं मिलते ।

जो आपके मन की कंदराओं में कभी गूंजे थे । या कभी-कभी गूंजते हैं । लेकिन किसी रेडियो-स्‍टेशन से गूंजते हुए नहीं मिले ।

और हां श्रोता-बिरादरी आपसे मुख़ातिब होगी हफ्ते में केवल एक दिन ।

एक तयशुदा दिन । कौन-सा दिन हो वो , रविवार ?

श्रोता-बिरादरी प्रयास है तीन अलग-अलग शहरों में बसे संगीत के तीन जुनूनी लोगों का । ख़ुलासा श्रोता-बिरादरी के शुभारंभ के साथ जल्‍दी ही ।

कहिए श्रोता-बिरादरी के बारे में सुनकर कैसा लगा आपको ।

क्‍या आप श्रोता-बिरादरी का इंतज़ार करेंगे ।

अब sms के ज़रिए पाईये ताज़ा पोस्‍ट की जानकारी

16 टिप्‍पणियां:

शिवनागले दमुआ June 11, 2008 at 5:40 PM  

जय श्रीराम,
भाईजी,आप एक चिरप्रतिक्षित पहल कर रहे हो । बहुत जमाने से इंतजार था नेट पर हिन्दी गानों को सुनने का उनकी पुरी बारीकियों के साथ । पुराने गाने तो भारतीय संगीत की शान है । अधिक प्रतीक्षा न करवायें ।
जय श्रीराम !

ज्ञानदत्त पाण्डेय | Gyandutt Pandey June 11, 2008 at 5:59 PM  

यह श्रोता बिरादरी का लोगो/हेडर बड़ा लुभावना है! कैसे बनाया/कहां से बनवाया?

PD June 11, 2008 at 7:36 PM  

बहुत बढिया है जी..
जल्दी से पढवाईये इसे..

मीत June 11, 2008 at 8:26 PM  

जे हुई न ख़बर भाई साहब ! हम बेताब बैठे हैं सुनने-सुनाने को. वाह यूनुस भाई ख़बर सुना के ही मस्त कर दिया.

annapurna June 11, 2008 at 8:40 PM  

यूनुस जी इतनी अच्छी ख़बर देने के लिए आपके मुँह में घी शक्कर !

हम बहुत बेचैनी से प्रतीक्षा कर रहे है।

pradip jain June 11, 2008 at 10:20 PM  

Ek thi Shrota Biradari Indore main jise uske sanshalk ki sanak par chalaya jata tha. Agar yah unhi Sanjay Patel ki hai to abhi se taoba karna padega. Engilish ek shabd hai maglomania. Sanjay Bhai usi se pidit hain. Ab to khair ganimat rahegi ki unki bakwas sun-na nahin padegi.jo geet snageet ke diwane hain. unhe to beech main koi vyavdhan nahin chahiye. ummid hai ki achha sngeet sun-ne ko milega. pradeep jain

अभिषेक ओझा June 11, 2008 at 11:09 PM  

जल्दी ले आइये... हम भी इंतज़ार कर रहे हैं.

mamta June 11, 2008 at 11:09 PM  

नेकी और पूछ-पूछ !
ये तो बड़ी ही अच्छी ख़बर है।
बधाई
और शुक्रिया।

Udan Tashtari June 12, 2008 at 1:48 AM  

स्वागत है.इन्तजार कर रहा हूँ.

मीनाक्षी June 12, 2008 at 10:42 AM  

बहुत बढ़िया ख़बर .मधुर संगीत का रंगीन बैनर भी खूबसूरत ..श्रोता बिरादरी का बेसब्री से इंतज़ार है...

नितिन व्यास June 12, 2008 at 1:36 PM  

बिरादर, ये श्रोता इंतजार में है!

नितिन व्यास June 12, 2008 at 1:37 PM  

बिरादर, ये श्रोता इंतजार में है!

Harshad Jangla June 12, 2008 at 4:19 PM  

Well begun is half done....

But not here. We are ready with red Carpet and a Band!!

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

Mala Telang June 12, 2008 at 5:26 PM  

बेसब्री से इन्तजार है....

PIYUSH MEHTA-SURAT June 13, 2008 at 7:44 AM  

खबर बहोत ही अच्छी है, पर आपके और दो साथियो~ के बारेमें जानने का इन्तेझार रहेगा और हा~ इस ब्लोग का तो है ही पर यह बात थोडी सी नयी लगी की क्या इक तय किया दिन चूक गये तो क्या हम गाना सुनना चूक ही जायेंगे या सिर्फ़ नये पन्ने का प्रकाशन दिन सिर्फ़ एक यह होगा यह थोडा़ सा समझाईए ।

पियुष महेता ।
सुरत ।

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संगीत का ब्‍लॉग । मुख्‍य-रूप से हिंदी-संगीत । संगीत दिलों को जोड़ता है । संगीत की कोई सरहद नहीं होती ।

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